Two finger test क्या है | Two finger test कैसे होता है

आखिर क्या होता है टू-फिंगर टेस्ट है और ये बात सुप्रीम कोर्ट में इतना बहस क्यों हो रहा था चलिए आज इससे जुड़े सभी सवालों का जवाब जानते हैं - कि यह क्या है और इसपर क्यों रोक लगाई गई-

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टू फिंगर टेस्ट न्यूज़ में क्यों है (Two finger test why in news )

31 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट के द्वारा एक एहम फैसला सुनाया गया क्योंकि रेप और यौन हिंसा के मामलों की जांच के लिए होने वाले 'टू-फिंगर टेस्ट' को हटाने का फैसला लिया गया, इसे सुप्रीम कोर्ट ने इसे 'अवैज्ञानिक' बताया है, पीड़िताओं को टू-फिंगर टेस्ट करना उन्हें फिर से प्रताड़ित करना है।

 'टू-फिंगर टेस्ट' मेडिकल की पढ़ाई में होने वाले सिलेबस को भी हटाने को कहा गया और अगर ऐसा करने वाले को दोषी माना जाएगा।

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टू फिंगर टेस्ट क्या है (What is two finger test )

टू-फिंगर टेस्ट में यौन पीड़‍ित महिला के प्राइवेट पार्ट में एक या दो उंगली डालकर उसकी वर्जिनिटी टेस्‍ट की जाती है.ऐसा माना जाता था कि इस टेस्ट को करने से पता चलता है कि उस पीड़ित महिला के साथ शारीरिक संबंध बने थे या नहीं।

अगर प्राइवेट पार्ट में आसानी से दोनों उंगलियां चली जाती हैं तो महिला को sexualy active माना जाता था और इसे ही उस पीड़ित महिला के वर्जिन या वर्जिन न होने का भी सबूत मान लिया जाता है।

टू फिंगर टेस्ट कैसे किया जाता जाता है ( how two finger test is done )

यौन पीड़‍ित महिला के प्राइवेट पार्ट में एक या दो उंगली को इन्सर्ट किया जाता है और अगर आसानी से दोनों उंगली चली जाती है तो माना जाता है की वो sexualy active थी। इसे ही टू-फिंगर टेस्ट कहा जाता है। इस टेस्ट से डॉक्टर जानने कि कोशिस करते हैं कि यौन पीड़‍ित महिला के साथ शारीरिक सम्बन्ध बने थे या नहीं।

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टू फिंगर टेस्ट पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई ( two finger test supreme court )

जस्टिस डी. वाई.चंद्रचूड़ और न्यायधीश हिमा कोहली की बेंच ने ये फैसला सुनाते हुए कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि ये सिस्टम अभी भी चल रहा है कि महिलाओं के प्राइवेट पार्ट में टू-फिंगर टेस्ट किया जाता है यह परीक्षा उन महिलाओं की गरिमा को और ज्यादा ठेस पहुँचाती है। 

इन्होने कहा कि इस टेस्टिंग का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है. क्योंकि साइंस इस तरह के टेस्ट को पूरी तरह से नकारती है. साइंस का मानना है कि महिलाओं की वर्जिनिटी में हाइमन के इनटैक्‍ट होना सिर्फ एक मिथ है,क्योंकि हाइमन किसी और कारणों से भी टूट सकती है।

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क्या कोर्ट में इससे पहले भी कोई फैसला आया था –

जी हाँ इससे पहले भी लिलु राजेश बनाम हरियाणा राज्य के मामले (2013) में सुप्रीम कोर्ट ने टू-फिंगर टेस्ट को असंवैधानिक बताया था. कोर्ट ने इस टेस्ट पर सख्ती होकर बताया था कि इस टेस्ट से रेप पीड़‍िता की निजता यानि प्राइवेसी और उसके सम्‍मान का हनन करने वाला करार दिया था. यह भी कहा गया था कि यह मानसिक को चोट पहुंचाने वाला टेस्ट है।

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WHO की क्या राय है (Advices of WHO about two finger test )

WHO यानि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पहले ही इसके बारे पुस्टि कर चूका है कि यह टेस्ट करने की प्रक्रिया अनैतिक है,WHO ने कहा था कि मात्र हाइमन की टेस्ट करने से रेप हुआ है या नहीं पता नहीं चलता है। इस टेस्ट के कारण पीड़िता दोबारा से उस यौन हिंसा को अनुभव करती है।

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क्या है एक्सपर्ट की राय (Advices of Experts about two finger test )

एक्सपर्ट्स लोगों का भी कहना है कि 'टू-फिंगर टेस्ट' अवैज्ञानिक है क्योंकि हाइमन सम्भोग के अलावा भी किसी अन्य कारणों के वजह से टूट सकता है।

जैसे कि फिजिकल गेम (कबड्डी),साइकिल चलाना, टैम्पोन का इस्तेमाल करने से ( जिसे महिलाएं पीरियड्स के दौरान यूज़ करते हैं ) इत्यादि।

किन किन देशों में टू फिंगर टेस्ट बैन है (In which countries two finger test is banned )

भारत के अलावा और बाकि देश जैसे पाकिस्तान,अफगानिस्तान और इंडोनेशिया जैसे देशों में भी टू फिंगर टेस्ट बैन हो चूका है। 

2021 में पाकिस्तान के लाहौर उच्च न्यायलय ने भी प्रतिबंध लगाते हुए यह कहा था कि टू फिंगर टेस्ट अपमानजनक और अवैज्ञानिक है।
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इसका प्रयोग और कहाँ कहाँ प्रयोग किया जाता है (Where is it used )

  • इसका प्रयोग मुख्य्तः वर्जिनिटी की जांच के लिए किया जाता है।
  • एयरफोर्स में भर्ती होने से पहले इस जांच के द्वारा वर्जिनिटी टेस्ट किया जाता है।
  • इसका प्रयोग किसी यौन पीड़ित महिलाओं की जांच के लिए जाता है।
  • इसके अलावा इंडोनेशियन आर्मी में भी इसका प्रयोग किया जाता है।
  • इसका प्रयोग महिलाओं के डेलिवरी के दौरान भी डॉक्टर्स के द्वारा किया जाता है।

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