Mulayam Singh Yadav Death News | Mulayam Singh Yadav facts

किन वजह के लिए जाने जाएंगे मुलायम सिंह- आईये जानते हैं इनके ऐतिहासिक फैसले -


Mulayam Singh Yadav Passed Away - भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के इटावा ज़िले में स्थित एक गाँव जिसका नाम है - सैफ़ई । यह एक तहसील और विकास खंड भी है जो कि पूर्व मुख्यमंत्री व समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का जन्मस्थान है।
मुलायम सिंह यादव ने 1992 में समाजवादी पार्टी की स्थापना की और इनके पार्टी की शुरुवात यही से होता है। तीन बार मुख्यमंत्री पद पर रहे। 10 
Oct 2022 को  लम्बी चल रही बीमारी से इनकी मृत्यु हो गयी। 

 
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आईये जानते है इनके कुछ ऐसे फैक्ट्स जो आपको अब तक पता नहीं थे -

➣ मुलायम सिंह यादव का जन्म उ.प्र. के इटावा जिले में सन् जन्म : 22 नवम्बर 1939 को हुआ था।

➣ 24 फरवरी 1954 को 15 साल की उम्र में समाजवाद के शिखर पुरुष डॉक्टर राम मनोहर लोहिया के आह्वान पर नहर रेट आंदोलन में पहली बार जेल गए थे।

➣ इन्होने केके कॉलेज में पढ़ाई की और बाद में छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गए। आगरा विश्वविद्यलाय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर करने के बाद इंटर कॉलेज में प्रवक्ता बने थे।

➣ विधानसभा सीट जसवंत नगर से 1967 में पहली बार विधायक बने।

➣ ये मूलतः शिक्षक थे परन्तु शिक्षण कार्य छोड़कर राजनीती में आ गए।

➣ समाजवादी नेता रामसेवक यादव के प्रमुख शिस्य थे तथा इन्हीं के आशीर्वाद से मुलायम सिंह 1967 में पहली बार विधान सभा के सदस्य चुने गये और मन्त्री भी बने थे।

➣ 1992 में उन्होंने समाजवादी पार्टी बनाई, और वे तीन बार क्रमशः 5 दिसम्बर 1989 से 24 जनवरी 1991 तक, 5 दिसम्बर 1993 से 3 जून 1996 तक और 29 अगस्त 2003 से 11 मई 2007 तक उत्तरप्रदेश के मुख्य मन्त्री रहे।

➣ तीन बार मुख्यमंत्री बनने के बाद वर्ष 2012 में अपने बेटे अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री बनाया।

➣ उन्होंने ब्रिटेन, रूस, फ्रांस, जर्मनी, स्विटजरलैण्ड, पोलैंड और नेपाल आदि देशों की भी यात्राएँ की हैं।

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➣ मुलायम सिंह यादव को 28 मई, 2012 को लंदन में 'अंतर्राष्ट्रीय जूरी पुरस्कार' से सम्मानित किया जा चूका है।

➣ इनके नाम पर पहला बुक "मुलायम सिंह यादव- चिन्तन और विचार" लिखा जा चूका है जिसे अशोक कुमार शर्मा ने सम्पादित किया था। इसके अलावा राम सिंह तथा अंशुमान यादव द्वारा लिखी गयी "मुलायम सिंह: ए पोलिटिकल बायोग्राफी" जो कि इनके जीवन के बारे में लिखा गया है।

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30 अक्तूबर 1990 को लाखों कारसेवक अयोध्या में इकट्ठा हुए थे। उनका उद्देश्य था कि विवादित
स्थल पर मस्जिद को तोड़कर मंदिर का निर्माण किया जाना चाहिए। जब हजारों की संख्या में लोग विवादित स्थल के पास की एक गली में इकट्ठा हो गए उसी वक्त सामने से पुलिस और सुरक्षाबलों ने गोली चला दी गयी थी और इस समय भी उ.प्र. में मुलायम सिंह के आर्डर से पोलिस कर्मियों को गोली चलवाने का निर्देश दिया गया था। जो की कई आम लोगों की जान गयी थी।

➣ 10 Oct 2022 को  लम्बी चल रही बीमारी से इनकी मृत्यु हो गयी। 



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