हाइपरटेंशन ( उच्च रक्तचाप) क्या है || हाइपरटेंशन के कारण || NORMAL BLOOD PRESURE

आईये जानते है अपने हेल्थ के बारे में और हाइपरटेंशन ( उच्च रक्तचाप) के बारे में पूरी जानकारी


हाइपरटेंशन ( उच्च रक्तचाप) क्या है ?

  • हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर एक ऐसी बीमारी जिसमें कोई खास लक्षण नहीं दिखते और यह बिना किसी चेतावनी के आती है इसलिए इसे साइलेंट किलर (SILENT KILLER) कहते हैं।
  • इसमें धमनियों (ARTERIES) में रक्त का दबाव बढ़ जाता है। इस दबाव की वृद्धि से रक्त की धमनियों में रक्त का प्रवाह बनाए रखने के लिये दिल को अधिक काम करने की आवश्यकता पड़ता है।
  • उच्च रक्तचाप 130 या अधिक, बटा 80 या अधिक होता है।{Normal 120/80 mm Hg} उच्च रक्तचाप के विभिन्न चरण होते हैं, जो आपकी संख्याओं के उच्च होने पर आधारित होता है।

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अपने रक्तचाप को मापना (HOW TO MEASURE B.P.)

  • रक्तचाप की जांच प्रायः आपकी बाँह के ऊपरी हिस्से के आसपास एक चैड़ी पट्टी रखकर की जाती है, जिसे कफ़ कहा जाता है। हवा कफ़ में डाली जाती है।
  • रक्तचाप किसी संख्या के ऊपर एक दूसरी संखया है। आपने डॉक्टर को 110/72 कहते हुए सुना होगा।
  • ऊपरी संख्या उच्चतर होती है और इसे सिस्टॉलिक रीडिंग कहा जाता है। यह हृदय द्वारा पम्प किए जाने पर रक्तवाहिको में दबाव है।
  • निचली संख्या निम्नतर है और इसे डायस्टोलिक रीडिंग कहा जाता है। यह धड़कनों के बीच हृदय के आराम करने के समय रक्त वाहिकाओं में दबाव है। 

सामान्य ब्लड प्रेसर :-


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हमारे शरीर का सामान्‍य ब्लड प्रेशर 120/80 mm Hg माना जाता है। इससे ज्यादा प्रेशर हाई ब्लड प्रेशर होता है। जैसे, 140-159/90-99 mm Hg अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन हाई ब्लड प्रेशर को 130/80 mm Hg या उससे अधिक मानता है।

वर्गीकरण/CLASSIFICATION

  • नॉर्मल ब्लड प्रेशर - 120 / 80 mm Hg या इससे कम
  • हाइपरटेंशन पूर्व - (सिस्टोलिक प्रेशर 120 - 139 mm Hg), (डाएस्टोलिक प्रेसर -80-89 mm Hg)
  • उच्च रक्तचाप स्टेज 1 - (सिस्टोलिक प्रेशर 140–150 mm Hg) , (डाएस्टोलिक प्रेसर- 90-99 mm Hg)
  • उच्च रक्तचाप स्टेज 2 - (सिस्टोलिक प्रेशर -140 mm Hg से अधिक) , (डाएस्टोलिक प्रेसर- 90 mm Hg से अधिक)
  • अति उच्च रक्तचाप , तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें - (सिस्टोलिक प्रेशर- 180 mm Hg से अधिक ) , ( डाएस्टोलिक प्रेसर- 120 mm Hg से अधिक)

हाइपरटेंशन के कारण :-

  • हाइपरटेंशन चिंता, गुस्सा, मानसिक विकार, अनियमित खान-पान, जीवनशैली में आए बदलाव, सिगरेट और एल्कोहल के ज़्यादा सेवन से हो सकता है।
  • किडनी विकार की वजह से हाइपटेंशन के मामले भी देखे गए हैं। मोटापा, तनाव और नमक  के ज़्यादा सेवन से हाइपरटेंशन हो सकता है। इसके अलावा जेनेटिक प्रोब्लम की वजह से भी हाइपरटेंशन होती है।

उच्च रक्तचाप के लक्षण :-

  • क्या आपको उच्च रक्तचाप है - इस बात को जानने का केवल एक ही तरीका है कि इसकी जाँच करवाई जाए। अधिकांश लोगों में कोई लक्षण नहीं होता। कुछ लोगों को सिरदर्द हो सकता है या दृष्टि धुंधली हो सकती है।
  • उच्च रक्तचाप से पीड़ित कुछ लोग सिरदर्द (विशेष रूप से सिर के पिछले हिस्से में और सुबह) तथा साथ ही चक्कर आने की, वर्टिगो टिनिटस (कान में गूंज या फुसफुसाहट की आवाज़), दृष्टि परिवर्तन तथा बेहोशी की शिकायत करते हैं।

हाइपरटेंशन से बचने के उपाय:-

  • हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से बचे रहने के लिए प्रतिदिन 5 ग्राम से अधिक नमक सेवन का ना करें।
  • तंबाकू और स्मोकिंग का सेवन बिलकुल न करें।
  • अल्कोहल (शराब)ना पिएं।
  • नियमित रूप से व्यायाम/YOGA करें।
  • हाई ब्लड प्रेशर से बचने के लिए सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थ ना खाएं या कम से कम खाएं। 
  • नियमित रूप से फल और हरी सब्जियां खाएं।
  • जंक फूड खाने से बचें क्योंकि इसमें सैचुरेटेड फैट और ट्रांस फैट की मात्रा पाई जाती है, जो हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को बढ़ा सकती है।
हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के लिए करें ये काम :-

  • मेडिकल TREATMENT का सहारा लें और डॉक्टर की सलाह का पालन करें।
  • डॉक्टर के द्वारा दी गई दवाओं का नियमित रूप से सेवन करें।
  • स्ट्रेस को कम करें और कोशिश करें कि स्ट्रेस बिल्कुल ना लें।
  • सुबह सुबह जल्दी उठ कर योगा जरूर करना चाहिए।

हाई ब्लड प्रेशर में बहुत सारे मेडिसिन यूज़ किये जाते है, but   इन सभी मेडिसिन को patient की   BP यानि ब्लड प्रेशर और CONDITIONS  के अकॉर्डिंग CHOOSE किया जाता है -

  • Diuretics -(Spironolactone, Amiloride, Furosemide,Torsemide)
  • Beta blockers -(Atenolol ,Metoprolol, Propranolol)
  • ECE inhibitors- (Ramipril, Enalapril,Captopril)
  • Angiotensin II receptor blockers-(Losartan,Telmisartan)
  • Calcium channel blockers- (Amlodipine,Verapamil,Nifedipine)

*NOTE-बिना किसी डॉक्टर की सलाह से कोई भी मेडिसिन न खाएं।







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